सुभद्रा कुमारी चौहान |
जन्म - 16 अगस्त 1904
निधन -15 फ़रवरी 1948
जन्म स्थान- ग्राम निहालपुर, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
कुछ प्रमुख कृतियाँ- त्रिधारा, ‘मुकुल’ (कविता-संग्रह),
‘बिखरे मोती’ (कहानी संग्रह), ‘झांसी की रानी’ इनकी बहुचर्चित रचना है।
सुभद्रा कुमारी चौहान एक कविता लेखक थी जिनका जन्म 16 अगस्त 1950 को हुआ था। उनका एक कविता झांसी की रानी बहुत ही प्रसिद्ध है। चलिए इनके बारे में हम विस्तार से जानते हैं। सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म निहालपुर गांव में इलाहाबाद जिले में उत्तर प्रदेश में हुआ था। वह क्रोस्थवेट गर्ल्स स्कूल जो इलाहाबाद में स्थित स्कूल में अपनी शुरुआती शिक्षा ली जहां महादेवी वर्मा उनके दोस्त उनसे उच्च स्तर के दोस्त थी और 1919 में मिडिल स्कूल की परीक्षा पास की।
इनका जन्म खंडवा के ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान से 1919 ईस्वी में हुआ। जब वह 16 साल की थी तो उनके 5 बच्चे थे। ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान से शादी होने के बाद वह जबलपुर चली गई इसके बाद सन् 1921 में सुभद्रा कुमारी चौहान और उनके पति ने महात्मा गांधी non-corporate movement को ज्वाइन किया। तथा वह पहली महिला सत्याग्रही थी जो नागपुर में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए उन्हें दो बार जेल भी हुआ था।
यह एक कवित्री थी तो उन्होंने कई लोकप्रिय कविताएं भी लिखी जिसमे उनकी सबसे महत्वपूर्ण और सबसे लोकप्रिय कविता झांसी की रानी थी। इनके जीवन की सबसे भावनात्मक कविताओं में से एक रानी लक्ष्मीबाई थी बहुत ही भावनात्मक कविता होने की वजह से लोगों को बहुत ही लोकप्रिय कविता लगा यह कविता हिंदी साहित्य में सबसे अधिक पढ़ी और गाई जाने वाली कविताओं में से एक हैं।
" झाँसी की रानी "
जिसके प्रत्येक छंद के अंग में दोहराया गया एक दोहा इस प्रकार पड़ता है।
बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी।
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी।।
( freedom movement poem by subhadra kumari chauhan )
- जलियांवाला बाग में वसंत
- वीरों का कैसा हो
- बसंत और राखी की चुनौ
- खिलौना वाला
- त्रिधारा
- मुकुल
- ये कदम का पेड़
- सीधे-सीधे चित्र
- मेरा नया बचपन
- बिखरे मोती
- झांसी की रानी
उन्होंने अपनी इन सब कविताओं के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन के बारे में खुलकर बोला। कहा जाता है कि उन्होंने अपने इन कविताओं से युवाओं को इतना प्रेरित किया है कि भारतीय युवाओं ने स्वतंत्रता आंदोलन में जमकर भाग लिए। उन्होंने बच्चों के लिए भी कविताएं लिखिए तथा मध्यम वर्ग के जीवन पर आधारित कुछ छोटी कथाएं भी लिखी।
सुभद्रा कुमारी चौहान की सबसे प्रचलित कविताए ( subhadra kumari chauhan famous poem in hindi )
यह सब उनके द्वारा लिखी गई प्रसिद्ध कविताएं हैं जो लोगों को बहुत ही लोकप्रिय लगा और हमने बचपन में इनकी कविताएं पढ़ा भी है।
उनकी द्वारा एक लिखी हुई छोटी सी कहानी है जिसका नाम "हींगवाला" है उन्होंने अपने जीवन को कविताओं में ही समर्पित कर दिया और 1948 ई. में कार एक्सीडेंट में मध्यप्रदेश में मृत्यु हो गई।।